अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन का भारत दौरा:अमेरिका की पाकिस्तान-अफगानिस्तान नीति पर चर्चा हो सकती है; रक्षा सौदे पर भी होगी बात लेखक: वॉशिंगटन से रोहित शर्मा - AKB NEWS

अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन का भारत दौरा:अमेरिका की पाकिस्तान-अफगानिस्तान नीति पर चर्चा हो सकती है; रक्षा सौदे पर भी होगी बात लेखक: वॉशिंगटन से रोहित शर्मा


 दो दिन के दौरे में ऑस्टिन PM मोदी के साथ चर्चा करेंगे। साथ ही वे किसी भारतीय थिंक टैंक के मंच से अपने विचार भी रख सकते हैं। (फाइल फोटो)

  • चीन, आतंकवाद पर भी होगी चर्चा, भारतीय थिंक टैंक के मंच से भारत-अमेरिकी रिश्ते पर भाषण भी
  • अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे। यह उनकी पहली विदेश यात्रा का अंतिम पड़ाव है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ‘पेंटागन’ के प्रवक्ता जॉन सपेल ने दैनिक भास्कर को बताया कि भारत के साथ अमेरिका के रणनीतिक संबंध अहम हैं। भारत में ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, आतंकवाद जैसे कई अहम मसलों पर चर्चा करेंगे।’

    ऑस्टिन के साथ यात्रा कर रहे एक उच्च अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस दौरान रक्षा सौदे पर भी बात होगी। इस दौरे के दौरान, अमेरिका से 30 एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की खरीदारी पर मुहर लग सकती है। ऑस्टिन कास्टा के नियम-शर्तों को स्पष्ट करेंगे, ताकि भारत से रक्षा सौदों का रास्ता और सहज हो। 2017 में अमेरिका ने कास्टा बिल पेश किया था।

    इसके मुताबिक ईराक, उत्तर कोरिया और रूस से हथियार खरीदने वाले देशों को अमेरिका अपने हथियार नहीं देगा। बाइडेन प्रशासन की अफगानिस्तान और पाक की नीति से भी ऑस्टिन भारत को अवगत कराएंगे। अमेरिकी विशेषज्ञ लीसा कर्टिस ने कहा, “चीन को लेकर अमेरिका व्यापक रणनीति बना रहा है। उसके तहत चीन को अमेरिका ऐसे देश के रूप में देखना चाहता है, जिसकी विस्तारवादी नीति की साथी मुल्कों के साथ मिलकर निगरानी की जाए।'

    बाइडेन के बयानों में अब तक 90 बार आ चुका है इंडो-पैसिफिक शब्द

    • दो दिन के दौरे में ऑस्टिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी चर्चा करेंगे। वे किसी भारतीय थिंक टैंक के मंच से अमेरिका और भारत की बढ़ती सैन्य मैत्री और विश्व के सामने नई चुनौतियों पर अपने विचार भी रख सकते हैं।
    • बैठक के दौरान अमेरिका कश्मीर, मानवाधिकार जैसे मुद्दे से दूरी बनाए रखेगा, जिससे दोनों देशों के रिश्ते अहसज न हों।
    • बाइडेन भी भारत के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं। बाइडेन के शपथ ग्रहण से लेकर अब तक व्हाइट हाउस, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट और रक्षा विभाग अपने बयानों में इंडो-पैसिफिक शब्द का इस्तेमाल 90 बार कर चुके हैं।
Previous article
Next article

Leave Comments

एक टिप्पणी भेजें

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads