बोकारो के देगगढ़ा से पुलिस को चकमा देकर एक करोड़ का इनामी नक्सली फरार, छापेमारी अभियान तेज
झारखंड के बोकारो जिले के नवाडीह प्रखंड के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र पोखरिया पंचायत के देगगढ़ा से भाकपा का कुख्यात हार्डकोर नक्सली नक्सली पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. वहीं, नक्सलियों को सुरक्षा देने के मामले में पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
बताया जा रहा है कि उक्त माओवादी तीन दिन से ऊपरी घाट पर सक्रिय था और इलाके में संगठन के विस्तार में व्यस्त था. इस बीच गिरिडीह पुलिस को इसकी भनक लग गई। लेकिन, पुलिस की घेराबंदी से पहले इनामी नक्सली पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.
सूत्रों की मानें तो पारसनाथ और झुमरा अंचल के भाकपा माओवादी संगठन के कार्यकर्ता बोकारो जिले के कट्टर भाकपा माओवादी चिराग दा उर्फ रामचंद्र दा और चंदू दा सहित उपरघाट के अन्य शहीद भाकपा माओवादियों का शहादत दिवस मनाने की तैयारी में जुटे थे. इलाके में नक्सलियों की आवाजाही जोरों पर थी.
बताया गया कि पिछले सप्ताह से ही भाकपा-माओवादी कार्यकर्ताओं का क्षेत्र का दौरा जारी था. इस दौरान भाकपा-माओवादी के सदस्य सभी पुराने सहयोगियों से सहमति लेने में लगे रहे. इस दौरान उपस्थित लोगों को भाकपा-माओवादी शहीद बेदी को माल्यार्पण कर शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने की शपथ भी दिलाई जाएगी.
मालूम हो कि शहीद सप्ताह दिवस के कार्यक्रम के दौरान नक्सली चंदू दा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. भाकपा-माओवादी हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाता रहा है और इस दौरान चौक-चौराहा पर लोगों को भाग लेने के लिए पोस्टर और बैनर लगाए जा रहे हैं.
घुजा तूरी की शहादत दिवस पर निकलती थी मशाल जुलूस
भाकपा-माओवादी के घुजा तूरी की शहादत दिवस पर वर्ष 1995 से 2000 तक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया, जो उपघाट के पेंक, नारायणपुर होते हुए पोखरिया पंचायत के देगगढ़ा मैदान में शहीद मेले में तब्दील हो गया और सड़क का आयोजन किया गया. रात में क्रांतिकारी संगीत के साथ मुलाकात। किया गया। वहीं रात में मौजूद लोगों में चूड़ा-गुड़ भी बांटा गया. हालांकि अब पुलिस की छापेमारी के चलते इस तरह के कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है.


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