अलग सरना धर्म कोड का प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा : डॉ. उरांव
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी। डॉ. उरांव रविवार को विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से राजधानी रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले संथाल विद्रोह, हूल विद्रोह समेत अन्य आंदोलन और बाद में टाना भगत समुदाय के लोग अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए आगे आए।
आजादी के बाद देश का संविधान बना, कांग्रेस सरकार ने सीएनटी-एसपीटी कानून को मजबूत किया, आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए कठोर कानून बनाये गए, लेकिन भाजपा सरकार ने जल, जंगल और जमीन को छीनने की कोशिश की। लोगों को अपने अधिकार की रक्षा को लेकर अब और सतर्क रहने की जरूरत है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की रक्षा को लेकर कानून बनाया गया।
जनजातीय समुदाय के विकास के लिए ईमानदार कोशिश की गई। सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का पूजक रहा है, लेकिन एक साजिश उन्हें सनातन धर्मी बताया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजीव रंजन प्रसाद, डाॅ. राकेश किरण महतो, मदन मोहन शर्मा, निरंजन पासवान, गजेंद्र सिंह, राखी कौर, लक्ष्मी भगत आदि शामिल हुए।
आदिवासी दिवस झारखंड के लिए बेहद अहम : सुदेश
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने झारखंड के आदिवासी समुदाय को बधाई देते हुए हूल जोहार कहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की अद्भुत संस्कृति, जीवन दर्शन और संघर्ष का इतिहास है। आज का दिन आदिवासी समाज को अपनी सभ्यता, संस्कृति पर गौरव का बोध कराता है।
from Dainik Bhaskar

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