कोयला तस्करी में झारखंड के कई बड़े पुलिस अफसर मददगार, हाल में बंद हुईं ईसीएल खदानों का सत्यापन करेगी सीबीआई - AKB NEWS

कोयला तस्करी में झारखंड के कई बड़े पुलिस अफसर मददगार, हाल में बंद हुईं ईसीएल खदानों का सत्यापन करेगी सीबीआई

प. बंगाल में अवैध कोयले का कारोबार लगभग 20 हजार करोड़ का है। इसकी कमान अनूप मांझी उर्फ लाला ने संभाल रखी है। प्रारंभिक जांच में सीबीआई को ऐसे सुराग हाथ लगे हैं, जिससे पता चला है कि चोरी का कोयला बंगाल से झारखंड के रास्ते बिहार व यूपी भेजने में झारखंड के कई बड़े पुलिस अफसर भी शामिल हैं। सीबीआई से पहले लाला के बंगाल स्थित ठिकानों पर डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने छापे मारे थे।

इस दौरान एक कंप्यूटर में एक्सेल शीट मिली थी, जिसमें कई ईसीएल अफसर, सुरक्षा अधिकारी, पुलिस अफसरों समेत नेताओं के नाम हैं। अब सीबीआई इसे साझा करने को डीआरआई से पत्राचार करेगी। इधर, झारखंड समेत 4 राज्यों में चल रही छापेमारी रविवार सुबह खत्म हुई। सीबीआई ने बयान दर्ज कराने के लिए लाला समेत ईसीएल जीएम अमित धर, जयेश चंद्र राय, सुरक्षा अधिकारी तन्मय दास, देवाशीष मुखर्जी को नोटिस भेजा है।

अवैध खनन के लिए ईसीएल अफसरों ने खदान भी बंद कराए, तस्कर लाला, ईसीएल के दो जीएम, सुरक्षा अफसरों को नोटिस

हाल में बंद हुईं ईसीएल खदानों का सत्यापन करेगी सीबीआई

सीबीआई को पता चला है कि ईसीएल के कुछ अफसरों ने वैसी चालू खदानों को अपनी रिपोर्ट के आधार पर बंद करा दिया, जिनमें कोयला बचा हुआ था। फिर उन्हें लाला को सौंप दिया। उन खदानों से निकला कोयला झारखंड के रास्ते उत्तरप्रदेश, बिहार की मंडियों तक पहुंचाया जाता रहा। अब सीबीआई हाल के वर्षों में बंद हुईं ईसीएल की खदानों का भौतिक सत्यापन करेगी।

बोकारो-पुरुलिया के हार्डकोक भट्ठों में भी खपता है कोयला

लाला के अवैध कोयले का एक बड़ा हिस्सा बंगाल के पुरुलिया स्थित दुबरा और झारखंड में बोकारो के चास स्थित हार्डकोक भट्ठों में खपता है। इन दोनों इलाकों के कई हार्डकोक भट्ठे बाजार रेट से कम में लाला का कोयला खरीदते हैं। सूत्र बताते हैं कि इन भट्ठों में प्रतिमाह 30-35 हजार टन अवैध कोयले की खपत है। अब औसे भट्ठे भी जांच एजेंसी के राडार पर हैं।

तस्करी के लिए लाला जारी करता है कोडिंग और पैड

जांच एजेंसी को यह भी सुराग मिला है कि कोयला तस्करी में कोडिंग व पैड (गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अवैध लाइसेंस) का इस्तेमाल होता है, जिसे किंगपिन लाला ही जारी करता है। बंगाल में पैड की कीमत 1.30 लाख, जबकि झारखंड में 1.33 लाख है। जिन ट्रकों में पैड होता है, उसकी धर-पकड़ न होने की गारंटी के एवज में बंधी-बंधाई रकम दी जाती है। यह बात भी सामने आई है कि लाला शेल कंपनियों के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करता है।




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