रांची में पानी पर कोर्ट चिंतित:चीफ जस्टिस बोले- आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी; डैम, तालाब व नदियों का निरीक्षण करूंगा: रांची
हाईकोर्ट ने राजधानी में जलसंकट पर चिंता जताई है। डैम, तालाब, नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने की याचिका पर गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने सुनवाई की। कहा कि सरकार के शपथ पत्र से स्पष्ट हो रहा कि रांची में पानी की कमी होने वाली है।
ऐसे में सबका दायित्य है कि इसे दूर करने पर काम करें, नहीं तो आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि वे खुद रांची व आसपास के डैम, तालाब, नदियों का निरीक्षण करेंगे। ताकि स्थिति का पता चल सके। नगर निगम को आदेश दिया कि 1930 में कितने तालाब थे, मैप बनाकर रिपोर्ट दें।
हाईकोर्ट ने चेताया- जलाशयों के पास अतिक्रमण न हो
- सुनवाई के दौरान बेंच ने डीसी व नगर आयुक्त को जलाशयों के आसपास होने वाले अतिक्रमण को लेकर चेताया। कहा- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जलाशयों के आसपास किसी भी सूरत में अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
- जलाशयों पर निगम के रवैये पर नाराजगी जताते हुए बेंच ने आदेश दिया कि वर्ष 1930 में रांची में कितने तालाब थे, उनकी उस समय क्या स्थिति थी, इसका एक मैप बनाए और पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे।
धुर्वा डैम : सुनिश्चित करें कि रिंग रोड के कारण धुर्वा डैम तक पहुंचने वाले जलस्रोतों का रास्ता किसी हाल में ब्लॉक नहीं हाेना चाहिए। सरकार फिर से जवाब पेश करे। बड़ा तालाब : लक्ष्मी-नारायण मंदिर के पास वाहन पार्किंग स्थल है। तालाब के कुछ हिस्सों काे मिट्टी से भरा जा रहा है। इसे तुरंत हटाएं। हरमू नदी : हिनू पुल के पास नदी की जमीन पर बने हाेटल पर नगर निगम फिर से रिपोर्ट दाखिल करे।
इधर, शहर का हाल: रातू रोड में 500 फीट पर पानी
बोरवेल एजेंसियों के अनुसार, कटहल मोड़, बाजरा क्षेत्र में पहले जलस्तर 700-800 फीट था, लेकिन इस बार 1000 फीट पर पानी मिल रहा है। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में सैकड़ों बोरिंग फेल हो चुकी हैं। वहीं हरमू, अरगोड़ा, रातू रोड, कांके रोड में भी 200-300 फीट पर मिलने वाला जलस्तर अब 500 फीट तक पहुंच गया है।


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