कब्रिस्तान में शव दफनाने का लोगों ने किया विरोध, भुइयांडीह घाट पर बच्चे समेत तीन का अंतिम संस्कार
कोरोना पॉजिटिव मृत व्यक्ति का शव दफनाने को लेकर धातकीडीह कब्रिस्तान के आसपास के लोगों ने मंगलवार शाम को विरोध किया। स्थानीय लोग शव को कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध कर रहे थे। लगभग आधे घंटे तक जमशेदपुर अक्षेस और पुलिस की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों का आरोप था कि बस्ती के बीचों बीच कब्रिस्तान में शव दफन करने से आसपास के लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर रवि भारती और पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाया कि शव को पूरी तरह सुरक्षित ढंग से दफन किया जा रहा है। इससे कोरोना नहीं फैलता। लोगों ने आसपास के क्षेत्र को सैनेटाइज करने की मांग रखी। इसके बाद जेएएनसी की ओर से शव काे दफन और आसपास के क्षेत्रों को सैनेटाइज किया गया।
वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मरने वाले 10 माह के बच्चे सहित तीन लोगों का अंतिम संस्कार मंगलवार को भुइंयाडीह बर्निंग घाट पर किया गया। आदित्यपुर निवासी 10 माह के बच्चे की मौत कोरोना से हो गई थी। एक साल पहले इसके पिता का निधन बीमारी से हो गया था। मंगलवार को बच्चे के पिता के बड़े भाई व मामा अंतिम संस्कार करने के लिए घाट पर आए थे।
परंपरा के मुताबिक बच्चे के शव को दफनाया जाता है। पर संक्रमण फैलने के खतरे को भांपते हुए शव को जलाने का फैसला किया गया। बच्चे के परिजनों को पीपीई किट पहनने के लिए दिया गया, पर उन लोगों ने यह कहते हुए पीपीई किट पहनने से इनकार कर दिया कि शव के पास जाने से भावनाएं आहत होंगी। इसके बाद श्मशान घाट के कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार किया।
कैंसर पीड़ित सिदगोड़ा की एक महिला की मौत मंगलवार को टीएमएच में हो गई। महिला का भी अंतिम संस्कार उसके पुत्र की मौजूदगी में हुआ। बारीडीह के एक व्यक्ति के पार्थिव शरीर का भी अंतिम संस्कार किया गया। वहीं धातकीडीह के एक व्यक्ति को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वहीं पॉजिटिव पाए जाने के बाद शहर में पांच स्थानों पर कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। बारीडीह बस्ती में एक्सिस बैंक का एक एटीएम भी कंटेनमेंट जाने के दायरे में आ गया है।
from Dainik Bhaskar

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