मेडिट्रिना ने आयुष्मान कार्डधारी से इलाज के वसूले 1.20 लाख रुपए, रसीद भी नहीं दी
संतोष कुमार मिश्र-राजेश सिंह, आदित्यपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद 1.20 लाख रुपए लेकर हार्ट का ऑपरेशन किया। घाटशिला के रहने वाले विधान राय अपनी पत्नी का इलाज कराने 3 अगस्त को मेडिट्रिना पहुंचे थे। होटल में काम करने वाले राय ने इलाज के दौरान पैसे के लेनदेन को लेकर पूरा वीडियो बनाया है। अब वह इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करेंगे। पढ़िए उनकी जुबानी पूरी कहानी...।
प्रधानमंत्री मोदी से करेंगे शिकायत: पीडि़त विधान
प त्नी सोमा राय को सीने में दर्द होने पर मैं उसे लेकर 3 अगस्त को मेडिट्रिना अस्पताल पहुंचा। वहां डाॅक्टरों ने जांच के बाद आॅपरेशन की जरूरत बताई। मैंने बताया- मेरे पास आयुष्मान कार्ड है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा- कार्ड होने के बावजूद 1.20 लाख रुपए देने ही होंगे, वरना इलाज नहीं होगा। मैंनेे जैसे-तैसे कर पहले 50 हजार रुपए का इंतजाम किया। ऑपरेशन के बाद 70 हजार रुपए दिए। इसके बावजूद प्रबंधन की ओर से कोई बिल नहीं दिया गया। बिल मांगने पर उन्होंने इनकार कर किया।
अस्पताल प्रबंधन ने एक सादे पेपर पर जबरन साइन भी करवाया। शनिवार को पत्नी का डिस्चार्ज किया गया। मैं होटल में काम कर परिवार का भरण-पोषण करता हूंं। सरकार की ओर से जारी आयुष्मान कार्ड दिखानेे के बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मनमानी कर पैसा लेना गलत है। इलाज की जरूरत को देखते हुए मुुझे पैसे देने पड़े। पैसा नहीं देता तो पत्नी का इलाज नहीं हो पाता और उसकी जान भी जा सकती थी। लेकिन अब मैं चुप नहीं बैठूंगा। मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक करूंगा।
समझदारी दिखाई, वीडियो बनाया
विधान राय ने समझदारी दिखाई और अस्पताल में पैसों के लेनदेन का पूरा वीडियो बनाया। पहले वीडियो में अस्पताल प्रबंधन बोलता हैं - कुछ भी हो पैसे तो देने ही पड़ेंगे। पीड़ित बोला- सर 50 जमा कर दिए है, ऑपरेशन कर दीजिए, डिस्चार्ज होने पर और जमा कर देंगे। प्रबंधन बोला- कुछ भी हो 1.10 लाख जमा करना होगा। रिसिविंग मांगा तो बोला- नहीं मिलेगा। इसी तरीके से एक और वीडियो में एक कर्मचारी यह कहते हुए दिख रहा है कि पैसे तो पूरे जमा करने होंगे।
परेशानी हो तो कार्डधारी यहां संपर्क कर सकते हैं
आयुष्मान कार्ड है फिर भी कोई अस्पताल पैसा मांगे तो जिला समन्वयक नीतेश सिंह (9334612459) से संपर्क करें या टोल फ्री नंबर 14555 पर डायल करें।
पेनॉल्टी के साथ निबंधन रद्द किया जाएगा
अगर कोई निजी अस्पताल प्रबंधन इस तरह की मनमानी करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अस्पताल से मरीज से ली गई राशि का दस गुणा पेनाल्टी लेने के साथ ही उसका निबंधन तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। गरीबों की मदद के लिए योजना है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगाी। - बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री
from Dainik Bhaskar

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