वीसी बोले... नई शिक्षा नीति बेजोड़, धरातल पर उतारने के लिए अपने शिक्षकों को करनी होगी कड़ी मेहनत
नई शिक्षा नीति में 21वीं सदी के भारत को तैयार करने पर बल दिया गया। इसमें प्राइमरी लेवल से ही गांव के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसका ध्यान रखा गया है। ये बातें पत्र सूचना कार्यालय और रीजनल आउटरीच ब्यूरो के संयुक्त तत्वावधान में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ विषय पर आयोजित वेबिनार में नई शिक्षा नीति निर्माण कमेटी 2020 के सदस्य और बीएयू के पूर्व प्रभारी कुपलपति डॉ. आर एस कुरील ने कहीं। पीआईबी, रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में इससे क्रियान्वयन के आधार पर देश की युवा पीढ़ी तैयार होगी।
रांची विवि के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि नई नीति में मातृभाषा में पठन-पाठन पर बल दिया गया है। प्रो. डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि परंपराओं और संस्कारों को बरकरार रखते हुए 21वीं सदी के जरूरतों के हिसाब से शिक्षा देगी। नीलांबर-पीतांबर विवि के कुलपति प्रो. डॉ. रामलखन सिंह और डीएसपीएमयू के कुलपति प्रो. डॉ. सत्यनारायण मुंडा बोले कि नई शिक्षा नीति की संरचना बहुत ही अच्छी है, लेकिन इसे प्रैक्टिकल तौर पर लागू करने में शिक्षकों को बहुत कार्य करना पड़ेगा।
from Dainik Bhaskar

Leave Comments
एक टिप्पणी भेजें