धर्मगुरु बोले-सरना को सनातन-हिंदू कहने वालों के खिलाफ फिर से उलगुलान - AKB NEWS

धर्मगुरु बोले-सरना को सनातन-हिंदू कहने वालों के खिलाफ फिर से उलगुलान

कोरोना संकट के बीच पारंपरिक तरीके से आदिवासी दिवस मनाया गया। कई संगठनों ने ढोल-नगाड़े के साथ जुलूस निकाले, सेमिनार आयोजित किए तो कुछ संगठनों ने रक्तदान शिविर और पौधरोपण कार्यक्रम भी किए। इस बार के आदिवासी दिवस में सरना धर्म कोड व सरना स्थल से मिट्टी उठाने का मसला छाया रहा।

सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में विभिन्न आदिवासी सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों का सेमिनार तेतर टोली बरियातू में हुआ। धर्मगुरु ने कहा कि आज आदिवासी संगठित हो रहे हैं। सरना को सनातन कहने के खिलाफ फिर से बिरसा मुंडा की तर्ज पर उलगुलान करना होगा।

मुख्य वक्ता शिक्षाविद डॉ. करमा उरांव ने कहा कि अब समय आ गया है कि फिर से अपने अधिकार की रक्षा के लिए संकल्प ले। प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी सरना धर्म का समर्थन करते हैं। अब वह जहां गए हैं, वहां उनकी यह नैतिक जवाबदेही बनती है कि वह इसे लागू करवाएं। मौके पर शिवा कश्यप, अभय, वीरेंद्र भगत, फूलचंद, संजय, सुशील, अजय, चंदन, भुनेश्वर, लक्ष्मण, उमेश, जत्रु पाहन, संतोष, जीवन भूट कुंवर, कृष्णा मुंडा, अनिल, कार्तिक तिर्की, सोनू तिर्की, रवि मुंडा, बादल मुंडा, राजेश मुंडा, अंतू आदि ने अपने विचार रखे।

भाजपा नेताओं के पुतले को दी गई फांसी

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की अध्यक्ष गीताश्री उरांव की अगुवाई में सैनिक मार्केट से पैदल मार्च निकाला गया। मिट्टी चोरी करने वाले बाबूलाल मरांडी, गंगोत्री कुजूर, रामकुमार पाहन, आरती कुजूर, जगलाल पाहन, मेघा उरांव, आशा लकड़ा के पुतले को सामूहिक फांसी दी गई। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। मौके पर रवि तिग्गा, नारायण उरांव, सुशील उरांव, अनिल तिग्गा, झरिया उरांव, बहादुर उरांव, सुशील लिंडा, कुंदरसी मुंडा, फ्रांसिस लिंडा, कुशल उरांव, माधो कच्छप, सुनीता मुंडा, पवन तिर्की, हेमंत गाड़ी, कमल किशोर लकड़ा, संजय कुजूर, छोटी संगा, प्रतीत लकड़ा सहित कई शामिल हुए।






from Dainik Bhaskar
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