आरयू वीसी के प्रतिनिधि ने कहा-जीबी बैठक में मंत्री ने अपमानित किया, मान हानि का केस करूंगा

रिम्स के 49वें जीबी की बैठक के 10 दिन बाद सदस्यों और प्रतिनिधियों के साथ रिम्स प्रबंधन और जीबी अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता के द्वारा दुर्व्यवहार का मामला विवादित होता जा रहा है। आरयू वीसी के प्रतिनिधि प्रतुल शाहदेव ने बताया कि 14 अक्टूबर को जीबी बैठक में उन्हें शामिल होने नहीं दिया गया, जबकि सचिव वित्त विभाग के प्रतिनिधि नागेन्द्र चौधरी को शामिल किया गया।
बैठक से 2 दिन पहले उन्हें पत्र भेजकर आमंत्रित किया गया था। लेकिन जब उन्होंने मंत्री बन्ना गुप्ता के लिए कार का विरोध किया तो रिम्स प्रबंधन ने 14 अक्टूबर की सुबह उन्हें बैठक में शामिल होने से मना कर दिया गया। मंत्रीजी को डर था कि अगर वे जीबी में शामिल हो गए, तो मंत्री का काला चिट्ठा खुल जाएगा। उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने दिया।
इसके लिए हाई कोर्ट जाएंगे और मंत्री पर मान हानि का केस करेंगे। वहीं जाने माने सर्जन डॉ आरपी श्रीवास्तव का नाम ही जीबी उपस्थित पंजिका सूची में नहीं है, जबकि वे साढ़े तीन घंटे तक चले बैठक में शुरू से लेकर अंत तक मौजूद थे।
भूलवश छूट गया नाम : मंत्री
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नियमानुसार किसी में प्रतिनिधि को जीबी के बैठक में शामिल नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रतुल शाहदेव को शामिल नहीं किया। सचिव वित्त विभाग के प्रतिनिधि नागेन्द्र चौधरी भी शामिल नहीं हुए थे। भूलवश नागेन्द्र चौधरी का नाम जीबी के उपस्थित पंजिका सूची में उपस्थित और डॉ आरपी श्रीवास्तव को अनुपस्थित बताया गया है। प्रबंधन से ये गलती कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी।
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